Aaj ka Panchang 02 Nov 2023: आज पंचमी तिथि पर दुर्लभ ‘शिव’ योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें पंचांग और राहुकाल

Aaj ka Panchang 23 November 2023 पंचांग के अनुसार आज कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। दिन गुरुवार है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।

Aaj Ka Panchang

Aaj ka Panchang 2 November 2023: कार्तिक का महीना बेहद शुभ होता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें धनतेरस, दिवाली और छठ पूजा प्रमुख हैं। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की आज पंचमी तिथि है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा भाव से पूजा-उपासना की जाती है। आज के दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए, आज का पंचांग और राहुकाल का समय जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

ज्योतिष पंचांग के अनुसार, आज पंचमी तिथि रात 09 बजकर 52 मिनट तक है। इसके पश्चात, षष्ठी तिथि शुरू होगी। इस शुभ अवसर पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है।

शिव योग

आज लाभकारी और पूर्ण फलदायी शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 14 मिनट तक है। इस योग में भगवान नारायण की पूजा करने से साधक को कई गुना फल प्राप्त होगा। साथ ही सभी बिगड़े काम बनने लगेंगे।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 35 मिनट पर

चंद्रोदय- रात 09 बजकर 10 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 11 बजकर 04 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 42 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से लेकर 12 बजकर 46 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 01 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल – दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तक

गुलिक काल – सुबह 09 बजकर 19 मिनट से 10 बजकर 42 मिनट तक

दिशा शूल – पूर्व

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद

चन्द्रबल

मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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