मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू हुई, निराश्रित बच्चों को 4000 रूपये हर महीने मिलेंगे

Mukhyamantri Sukh Aashray Yojana

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू हुई, निराश्रित बच्चों को 4000 रूपये हर महीने मिलेंगे

11 अक्टूबर 2023

आपकी खबर का स्रोत: Hum Hindu

Mukhyamantri Sukh Aashray Yojana

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के अनाथ बच्चों को लाभान्वित करने के लिए योजना की शुरुआत की गई है

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना: हिमाचल प्रदेश के अनाथ बच्चों के लिए एक नई किरण उम्मीद की ओर

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के अनाथ बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम है ‘मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना’. इस योजना के माध्यम से, सरकार द्वारा राज्य के 6000 अनाथ बच्चों को गोद लिया जाएगा और उनका पूरी तरह से भरण-पोषण किया जाएगा। इसके साथ ही, उनकी शिक्षा, आवास, और विवाह से जुड़ी सभी आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के मुख्य विशेषताएँ:

  1. आर्थिक सहायता: योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों को हर महीने आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, जिससे उनके जीवन की मुश्किलात कम हों।
  2. शिक्षा का समर्थन: सरकार योजना के तहत पात्र बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएगी, जिससे उनका भविष्य सुखमय बने।
  3. आवास की सुविधा: योजना के अनुसार, योजना के पात्र बच्चों के लिए आवास की सुविधा भी प्रदान की जाएगी, ताकि वे एक सुरक्षित और आरामदायक आवास में रह सकें।
  4. विवाह की सहायता: योजना के अंतर्गत शादी के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे पात्र बच्चे अपने जीवन संगठन का निर्माण कर सकें।

कैसे हो सकते हैं पात्र?

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों को उनकी जरूरतों के हिसाब से सहायता पहुँचाना है। पात्रता मानदंडों के आधार पर, उन बच्चों को इस योजना से लाभ दिलाया जाएगा जिनके पास किसी परिवार सदस्य की देखभाल नहीं है और जिनका आय न्यूनतम है।

कैसे आवेदन करें?

इस योजना से लाभ उठाने के लिए आपको निकटतम जनसेवा केंद्र पर आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया के लिए आपको आवश्यक दस्तावेज और प्रमाण पत्रों के साथ जाना होगा।

समापन

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के अनाथ बच्चों के जीवन को सुखमय और सफल बनाना है। यह योजना उन बच्चों को नई आशा और नया सुख देगी, जो अब अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सामर्थ्य रखेंगे।

अधिक जानकारी प्राप्त करने और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप निकटतम जनसेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से, हिमाचल प्रदेश सरकार अनाथ बच्चों के भविष्य को सशक्त बनाने का संकल्प लिया है, और उन्हें एक नया सुखमय आश्रय देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निराश्रित बच्चों को 4.68 करोड़ रुपए की राशि वितरित की Mukhyamantari Sukh Aashray Yojana

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निराश्रित बच्चों को 3 अक्टूबर शिमला के रिज मैदान में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत राज्य भर के 2,466 निराश्रित बच्चों को 4.68 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई। इस कार्यक्रम में लगभग 900 बच्चों ने हिस्सा लिया। शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित समारोह में सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इन बच्चों को इनका अधिकार दे रही है। मुख्यमंत्री द्वारा इस कार्यक्रम में 30 बच्चों को एडवांस लैपटॉप भी वितरित किए गए। और कहा कि राज्य भर के अन्य 298 निराश्रित बच्चे जो 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं उन्हें भी 3 से 4 दिन में लैपटॉप उपलब्ध करवाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की पूरी जानकारी

योजना का नाम Mukhyamantari Sukh Aashray Yojana
घोषणा की गई मुख्यमंत्री ठाकुर सुख विंदर सिंह सुक्खू जी द्वारा
कब शुरू हुई 16 फरवरी 2023
लाभार्थी राज्य के अनाथ बच्चे, निराश्रित महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक
उद्देश्य राज्य के अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना
योजना  का बजट 101 करोड़ रुपए
राज्य हिमाचल प्रदेश
साल 2023
आवेदन प्रक्रिया अभी उपलब्ध नहीं
अधिकारिक वेबसाइट जल्द लॉन्च होगी

HP Mukhyamantari Sukh Aashray Yojana 2023 के लाभ एवं विशेषताएं

  • हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जी द्वारा 16 फरवरी 2023 को राज्य के अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योजना को शुरू करने की घोषणा की गई है।
  • इस योजना के माध्यम से 6000 से अधिक अनाथ बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा।
  • राज्य सरकार द्वारा अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट के रूप में अपनाया जाएगा।
  • इस योजना के अंतर्गत अनाथ और विशेष रूप से असक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को भी शामिल किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को रहने के लिए आवास, भूमिहीन बच्चों को 3 बिस्वा जमीन, विवाह के लिए 2 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
  • इस योजना के लिए सरकार द्वारा 101 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
  • अनाथ बच्चों को उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए निशुल्क कोचिंग की सुविधा के साथ-साथ जरूरी अध्ययन सामग्री भी सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना के अंतर्गत महिलाओं एवं वृद्ध जनों के लिए एकीकृत परिसरों का निर्माण किया जाएगा।
  • अनाथ आश्रम में रहने वाले बच्चों के लिए म्यूजिक रूम, बाथरूम, आधुनिक क्लासरूम, इनडोर और आउटडोर गेम्स के लिए मैदान आदि की व्यवस्था की जाएगी।
  • 18 वर्ष से अधिक अनाथ बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक आफ्टर केयर इंस्टिट्यूशन में रहने और खाने-पीने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना का लाभ प्रदान कर अनाथ बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के लिए पात्रता

  • Mukhyamantari Sukh Aashray Yojana के लिए आवेदक को हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। तभी आप इस योजना के लिए पात्र होंगे।
  • केवल राज्य के अनाथ बच्चे ही इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
  • निराश्रित महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक भी इस योजना के लिए पात्र होगे।

Mukhyamantari Sukh Aashray Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • बच्चे के माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
  • निराश्रित महिलाओं का शपथ पत्र
  • उत्तीर्ण कक्षा की मार्कशीट
  • कोचिंग की सुविधा के लिए छात्रावास की रसीद
  • भूमिहीन होने का शपथ पत्र
  • बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना 2023 के तहत आवेदन कैसे करें?

Mukhyamantari Sukh Aashray Yojana का लाभ प्राप्त करने के लिए अभी आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। क्योंकि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को केवल अभी शुरू करने की घोषणा की गई है। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। जैसे ही सरकार द्वारा इस योजना के तहत आवेदन करने से संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी। तो हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सूचित कर देंगे ताकि आप इस योजना के तहत आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सके।

Mukhyamantari Sukh Aashray Yojana:-राज्य के मुख्यमंत्री ने हाल ही में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य निराश्रित बच्चों को मानविक यातायात और आदर्श परिवार मिलाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत, निराश्रित बच्चों को 4000 रुपये हर महीने मिलेंगे, जो उनके शिक्षा और सामाजिक उन्नति के लिए सहायक होंगे।

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना एक महत्वपूर्ण कदम है जो निराश्रित बच्चों के जीवन में सुधार लाने का प्रयास कर रही है। इसके तहत, सरकार उन बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी जिनके पास स्वाभाविक परिवार से मिलने वाला साथ नहीं है।

मुख्यमंत्री ने इस योजना को शुरू करने के बारे में कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चा स्वस्थ और सुखमय जीवन बिता सके। यह योजना उन बच्चों के लिए है जिन्होंने अपने परिवार की कमी के कारण बड़े होने के साथ ही मानविक साथ की कमी भी महसूस की है। हम चाहते हैं कि इन बच्चों को उनके अधिकृत विकास के लिए सामर्थ्य और सामर्थ्या मिले, ताकि वे भविष्य में समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकें।”

इस योजना के अंतर्गत, प्राधिकृत बच्चों के लिए हर महीने 4000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता उनके विद्यालय शुल्क, वस्त्र, और अन्य जरूरी आवश्यकताओं के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही, यह योजना उन बच्चों को भी प्राप्त होगी जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है और अब शिक्षा की ओर फिर से बढ़ने का इरादा रखते हैं।

मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना राज्य के बच्चों के भविष्य को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है और यह समाज में न्यायपूर्णता और सामर्थ्य को प्रोत्साहित करने का संकल्प दिखाता है। इस योजना के माध्यम से, सरकार ने अपने निराश्रित बच्चों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया है और उन्हें एक बेहतर भविष्य की ओर मार्गदर्शन किया है।

सुख आश्रय योजना का शुभारंभ होने के साथ ही, राज्य के निराश्रित बच्चों के लिए एक नई उम्मीद की किरण हो रही है, और यह योजना उनके जीवन को सशक्त बनाने में मदद करेगी।

Himachal’s New Hope: Chief Minister Launches ‘Mukhyamantri Sukh Aashray Yojana’ for Orphaned Children

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Good News: हिमाचल में अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का शुभारंभ, देखें देश की बड़ी गुड न्यूज- Hum Hindu

Mukhyamantri Sukh Aashray Yojana

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में अनाथ बच्चों के लिए “मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना” का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत, जो बच्चे 27 साल की आयु तक अनाथ हैं, उन्हें हर महीने चार-चार हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। यह पहल, गरीब और असहाय बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

यह योजना विशेष रूप से वो बच्चे लक्ष्यित है जिनके पास कोई संरक्षक नहीं है और वे आपसी सहायता के बिना स्वयं का पालन-पोषण नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के माध्यम से, उन्हें आर्थिक सहायता प्राप्त होगी जो उनके बचपन को सुरक्षित और सुखमय बना सकती है।

इसके साथ ही, गोरखपुर में पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है, जिसमें कृषि और उद्योग के क्षेत्र में नवाचार और विकास को प्रमोट करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया गया है। इससे कृषि सेक्टर में नए अवसरों की ओर कदम बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है और गोरखपुर क्षेत्र के किसानों को आर्थिक समृद्धि की दिशा में मदद मिलेगी।

इन पहलों से साथ-साथ, सरकारें नए और असहाय लोगों के लिए आर्थिक सहायता और संवादनशीलता के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं, जिनसे समाज में सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।

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मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष सरकार की एक नई पहल है, जिसका गठन राज्य सरकार द्वारा नये साल के शुभ अवसर पर किया गया है। अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए मानवता की दिशा में एक अभिनव कदम उठाते हुए, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने अपना पहला वेतन मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष में योगदान दिया है। हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ने भी 1 जनवरी को घोषणा की कि सभी नामित मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों ने विधायक के रूप में अपना पहला वेतन इस निधि में दान करने के लिए स्वेच्छा से योगदान दिया है। योजना का परिव्यय बजट 101 करोड़ है। यह फंड जरूरतमंद छात्रों और निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इससे उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में भी मदद मिलेगी।

“यह फंड उन लोगों को नए आयाम प्रदान करेगा जो सक्षम हैं लेकिन वित्तीय बाधाओं के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं। इसके अलावा इन छात्रों को बड़े पैमाने पर देश और समाज की प्रगति और समृद्धि में अपना योगदान सुनिश्चित करने का भी अवसर मिलेगा, ”उन्होंने कहा। उन्होंने कहा, ”यह कदम करुणा का कार्य नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति का अधिकार है”, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह पहल न केवल जन प्रतिनिधियों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत होगी. इस फंड में योगदान करने के लिए.